The Standard for Program Management - Fourth Edition (HINDI)
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The Standard for Program Management - Fourth Edition (HINDI) - Project Management Institute
संस्करण
1
परिचय
द स्टैंडर्ड फॉर प्रोग्राम मैनेजमेंट-चौथा संस्करण प्रोग्राम प्रबंधन के सिद्धांतों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह प्रोग्राम एवं प्रोग्राम प्रबंधन और संकल्पनाओं की सामान्यतः स्वीकृत परिभाषा उपलब्ध कराता है जो उनकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं - प्रोग्राम प्रबंधन कार्यप्रदर्शन प्रक्षेत्र, प्रोग्राम जीवन चक्र और महत्वपूर्ण प्रोग्राम प्रबंधन सिद्धांत, कार्यव्यवहार एवं गतिविधियां। द स्टैंडर्ड फॉर प्रोग्राम मैनेजमेंट का यह संस्करण पिछले संस्करण में प्रस्तुत की गई संकल्पनाओं को विस्तारित एवं स्पष्ट करता है। यह प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट (PMI) मूल आधारभूत मानकों और मार्गदर्शक दस्तावेजों का पूरक और उनके साथ संरेखित है जिसमें ए गाइड टू द प्रोजेक्ट मैनेजमेंट बॉडी ऑफ नॉलेज (PMBOK® गाइड) [1],¹ द स्टैंडर्ड फॉर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट [2], इम्प्लिमेंटिंग ऑर्गेनाइजेशनल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट : ए प्रैक्टिस गाइड [3] और द पीएमआई लेक्सिकन ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टर्म्स [4] के नवीनतम संस्करण शामिल हैं।
यह अनुभाग मानक के कार्यक्षेत्र से संबंधित शब्दों को परिभाषित एवं उनकी व्याख्या करता है और अनुसरण की जाने वाली सामग्री का परिचय प्रदान करता है। इसमें निम्नलिखित प्रमुख अनुभाग शामिल हैं:
1.1द स्टैंडर्ड फॉर प्रोग्राम मैनेजमेंट का उद्देश्य
1.2प्रोग्राम क्या है?
1.3प्रोग्राम प्रबंधन क्या है?
1.4पोर्टफोलियो, प्रोग्राम एवं परियोजना प्रबंधन के बीच संबंध और संगठनात्मक परियोजना प्रबंधन (OPM) में उनकी भूमिकाएं
1.5संगठनात्मक रणनीति, प्रोग्राम प्रबंधन और परिचालन प्रबंधन में संबंध
1.6व्यापारिक मूल्य
1.7प्रोग्राम प्रबंधक की भूमिका
1.8प्रोग्राम प्रायोजक की भूमिका
1.9प्रोग्राम प्रबंधन कार्यालय की भूमिका
1.1 द स्टैंडर्ड फॉर प्रोग्राम मैनेजमेंट का उद्देश्य
द स्टैंडर्ड फॉर प्रोग्राम मैनेजमेंट प्रोग्राम प्रबंधन के सिद्धातों, कार्यव्यवहारों और गतिविधियों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है जो अच्छे प्रोग्राम प्रबंधन कार्यव्यवहारों की सहायता करने के लिए सामान्यत: मान्य हैं और यह अधिकतर प्रोग्रामों में अधिकतर समय लागू होते हैं।
♦प्रोग्राम प्रबंधन के सिद्धांत वह मूल सिद्धांत हैं जो प्रोग्रामों के प्रभावी प्रबंधन के लिए सत्य और महत्वपूर्ण माने गये हैं।
♦सामान्यतः मान्य का मतलब यह है कि इस पर आम सहमति है कि वर्णित सिद्धांत, ज्ञान और कार्यव्यवहार महत्वपूर्ण एवं उपयोगी हैं।
♦अच्छे कार्यव्यवहार का मतलब एक सामान्य समझ है कि सिद्धातों, ज्ञान और कार्यव्यवहारों का प्रयोग प्रोग्रामों के प्रबंधन को बेहतर करता है और प्रोग्राम के प्रबंधन और सफलता के अवसर को बढ़ाता है जैसा कि लाभ सुपुर्दगी एवं प्राप्ति की सीमा एवं प्रभावशीलता द्वारा मापा गया है। अच्छे कार्यव्यवहार का मतलब यह नहीं होता है कि मानक के सभी प्रावधानों को प्रत्येक प्रोग्राम में प्रयोग करना आवश्यक है; एक संगठन के नेता, उसके प्रोग्राम प्रबंधकों, उसके प्रोग्राम दलों और उसके प्रोग्राम प्रबंधन कार्यालय (जब एक कार्यरत है) यह निर्धारण करने के लिए जिम्मेदार है कि प्रोग्राम और उसके प्रायोजक संगठन के विशिष्ट या निर्धारित आवश्यकताओं के आधार पर किसी दिये गये प्रोग्राम के लिए क्या सबसे अधिक उपयुक्त है।
द स्टैंडर्ड फॉर प्रोग्राम मैनेजमेंट का आशय सामान्य रूप से एक प्रोग्राम प्रबंधक की भूमिका की आम समझ प्रदान करना भी है और विशेषतः तब, जब निम्नलिखित के साथ परस्पर संवाद करता है :
♦पोर्टफोलियो प्रबंधक जिसके पोर्टफोलियो में प्रोग्राम या उसके घटक शामिल हैं;
♦परियोजना प्रबंधक जिनकी परियोजनाएं प्रोग्राम का भाग हैं;
♦प्रोग्राम प्रायोजक और प्रोग्राम संचालन समिति के अन्य सदस्य। यह समिति एक प्रोग्राम या पोर्टफोलियो अभिशासन मंडल के रूप में संदर्भित हैं;
♦प्रोग्राम या परियोजना प्रबंधन कार्यालय;
♦प्रोग्राम या अन्य सहायक प्रोग्रामों में कार्य करने वाले प्रोग्राम दल सदस्य;
♦प्रोग्राम लाभार्थी; और
♦अन्य हितधारक या हितधारक समूह (उदाहरण, संगठनात्मक कार्यकारी, व्यापार भागीदार, ग्राहक, आपूर्तिकर्ता, विक्रेता, नेता या राजनैतिक समूह) जो प्रोग्राम को प्रभावित कर सकते हैं।
द स्टैंडर्ड फॉर प्रोग्राम मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट के कोड ऑफ एथिक्स एंड प्रोफेश्नल कंडक्ट [5], के अनुसार प्रयोग किये जाने के लिए उद्दिष्ट है, जो उन जिम्मेदारी, सम्मान, निष्पक्षता और ईमानदारी के दायित्वों का उल्लेख करता है जो प्रोग्राम प्रबंधकों द्वारा उनके कार्य करते समय पालन किया जाना चाहिए। द कोड ऑफ एथिक्स एंड प्रोफेश्नल कंडक्ट के लिए आवश्यक है कि प्रैक्टिशनर नैतिक एवं पेशेवर व्यवहार में प्रतिबद्धता दर्शाए और कानूनों, नियमनों और संगठनात्मक एवं पेशेवर नीतियों के अनुपालन में दायित्वों को पूरा करे।
1.2 प्रोग्राम क्या है?
एक प्रोग्राम को संबंधित परियोजनाओं, सहायक प्रोग्रामों और प्रोग्राम गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया गया है जिनका उन लाभों को प्राप्त करने के लिए समन्वित तरीके से प्रबंधन किया जाता है जो इनके अलग से प्रबंधन करने से प्राप्त नहीं होते।
परियोजनाओं, सहायक प्रोग्रामों और प्रोग्राम का एक प्रोग्राम के रूप में प्रबंधन करने से लाभ की प्राप्ति मे यह सुनिश्चित करते हुए बढ़ोत्तरी होती है कि प्रोग्राम घटकों की रणनीतियां और कार्य योजनाएं घटक नतीजों या प्रायोजक संगठन के दिशानिर्देश या रणनीतियों में परिवर्तनों के अनुसार प्रतिसादात्मक रूप से अनुकूलित हैं। प्रोग्रामों को प्रायोजक संगठनों या प्रायोजक संगठन के संघटकों को लाभ पहुंचाने के लिए प्राथमिक रूप से संचालित किया जाता है। प्रोग्राम लाभ प्रदान कर सकते हैं, उदाहरण के तौर पर, वर्तमान क्षमताओं को बढ़ाना, परिवर्तन को सुगम करना, परिसम्पत्तियों की रचना एवं रख-रखाव, नये उत्पादों एवं सेवाओं को प्रस्तावित करना या मूल्य को उत्पन्न या संवर्धित करने के लिए नये अवसरों को विकसित करना। ऐसे लाभ प्रायोजक संगठन को एक नतीजे के रूप में प्राप्त होते हैं जो संगठन और प्रोग्राम के लाभार्थियों या हितधारकों के लिए उपयोगिता प्रदान कराते हैं।
प्रोग्राम अपने आशायित लाभों को प्राथमिक रूप से उन परियोजना घटकों तथा सहायक प्रोग्रामों के जरिये प्रतिपादित करता है जिन पर आउटपुट और नतीजों के उत्पादन के लिए काम किया जा रहा है। प्रोग्राम के घटक उन पूरक लक्ष्यों के अनुसरण से संबंधित होते है जिसमें से प्रत्येक लाभ की प्राप्ति के लिए वह योगदान देता है।
घटक परियोजनाएं या प्रोग्राम जो सामान्य या पूरक लक्ष्यों को उन्नत नहीं करते हैं; या सामान्य लाभों की प्राप्ति के लिए संयुक्त रूप से योगदान नहीं देते हैं; या जो सहायता, प्रौद्योगिकी या हितधारकों के केवल सामान्य स्रोतों द्वारा संबंधित होते हैं, वे प्रोग्रामों की बजाय पोर्टफोलियो के रूप में अक्सर बेहतर रूप से प्रबंधित होते हैं (द स्टैंडर्ड फॉर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट [2] देखें)।
प्रोग्राम तत्वों की एक सूची और उनकी परिभाषाएं निम्नलिखित हैं:
♦घटक वह परियोजनाएं, सहायक प्रोग्राम या अन्य संबंधित गतिविधियां हैं जो एक प्रोग्राम की सहायता के लिए संचालित की गई हैं।
♦परियोजनाएं किसी विशिष्ट उत्पाद, सेवा या परिणाम को तैयार करने के लिए किया गया एक अस्थाई प्रयास हैं जैसा कि ए गाइड टू द प्रोजेक्ट मैनेजमेंट बॉडी ऑफ नॉलेज (PMBOK® गाइड) [1] में पूर्ण रूप से वर्णित है। परियोजनाएं बजट, समय, विनिर्देशन, कार्यक्षेत्र और गुणवत्ता जैसे परिभाषित व्यवरोध के अंतर्गत प्रोग्राम द्वारा आवश्यक आउटपुट या नतीजों को उत्पन्न करने के लिए उपयोग की जाती हैं।
♦सहायक प्रोग्राम को कभी-कभार उप प्रोग्राम के रूप में संदर्भित किया गया है, ऐसे प्रोग्राम हैं जो प्राथमिक प्रोग्राम के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों के उपसमुच्चय को पाने के लिए प्रायोजित एवं संचालित किये जाते हैं। एक उदाहरण के रूप में एक नई इलेक्ट्रिक कार विकसित करने के लिए एक प्रोग्राम नई मोटर, बैटरी और चार्जिंग स्टेशन प्रौद्योगिकियों के विकास से संबंधित अन्य प्रोग्रामों को प्रायोजित कर सकता है। इन अन्य प्रोग्रामों में से प्रत्येक इस मानक के अनुसार प्रबंधित होगा और प्रायोजित प्रोग्राम के एक घटक के रूप में भी इसकी निगरानी एवं प्रबंधन होगा।
♦अन्य प्रोग्राम-संबंधी गतिविधियां वह कार्य प्रक्रियाएं या गतिविधियां है जो एक प्रोग्राम की सहायता करने के लिए आयोजित की गई हैं परंतु वह एक प्रोग्राम द्वारा प्रायोजित या आयोजित सहायक प्रोग्रामों या परियोजनाओं से सीधे तौर पर जुड़ी नहीं हैं। प्रोग्रामों द्वारा प्रायोजित प्रक्रियाओं और गतिविधियों के उदाहरण में प्रशिक्षण, नियोजन, प्रोग्राम-स्तर नियंत्रण, प्रतिवेदन देना, लेखा और प्रशासन से संबंधित गतिविधियां एवं प्रक्रियाएं शामिल हैं। एक प्रोग्राम के घटकों से सीधे तौर पर जुड़ी हुई परिचालनात्मक गतिविधियां या अनुरक्षण क्रियाकलाप अन्य प्रोग्राम-संबंधी गतिविधियों के रूप में माने जा सकते हैं।
प्रोग्राम प्रबंधन के संदर्भ में उपयोग किये जाने पर गतिविधियां शब्द को प्रोग्राम गतिविधियां पढ़ा जाना चाहिए। प्रोग्राम गतिविधियां वह गतिविधियां हैं जिनको प्रोग्राम की सहायता करने के लिए क्रियान्वित किया जाता है, ये वह गतिविधियां नहीं हैं जिनको घटक परियोजना के दौरान संपादित किया जाता है।
परियोजनाओं एवं प्रोग्रामों के बीच प्राथमिक अंतर प्रोग्रामों के अंतर्गत पहचान पर आधारित है जो लाभ प्राप्त करने के लिए वह रणनीतियां हैं जिनका अनुकूलित रूप से श्रेष्ठीकरण जरूरी हो सकता है चूंकि घटकों के नतीजे अलग-अलग प्राप्त किये गये हैं। प्रोग्राम के लाभों को प्राप्ति के लिए उत्तम क्रियाविधि शुरुआत में अस्पष्ट या अनिश्चित हो सकती है। एक प्रोग्राम के घटकों द्वारा प्राप्त किये हुए नतीजे प्रोग्राम के उद्दिष्ट लाभों की प्राप्ति में और जरूरी होने पर, प्रोग्राम एवं उसके घटकों की रणनीति के शोधन में योगदान देते हैं।
एक प्रोग्राम के रूप में एक पहल का प्रबंधन करने का प्राथमिक महत्व एक संगठन हेतु लाभों की प्राप्ति को श्रेष्ठ करने के लिए रणनीतियों के अनुकूलन के लिए प्रोग्राम प्रबंधक की तैयारी (या तत्परता) की अभिस्वीकृति पर आधारित होता है। प्रोग्राम की उसके घटकों के नतीजों एवं आउटपुट के अनुकूलन करने की संभावी जरूरत और उसकी रणनीति या योजनाओं को संशोधित करने की उसकी संभावी जरूरत के परिणाम स्वरूप, प्रोग्राम घटकों का एक पुनरावृत्तीय, गैर-अनुक्रमिक तरीके से पालन किया जा सकता है।
प्रोग्राम जीवन चक्र को आकृति 1-1 में दर्शाया गया है जो एक प्रोग्राम के प्राप्ति चरण के गैर-अनुक्रमिक स्वरूप पर प्रकाश डालता है। एक प्रोग्राम में आउटपुट एवं नतीजों के एक प्रवाह हेतु घटकों की पुनरावृत्तीय खोज अपेक्षित है जो संगठनात्मक लाभों में योगदान देता है। प्रोग्राम लाभ प्रोग्राम की संपूर्ण अवधि में वृद्धिशील रूप से प्राप्त हो सकते हैं या प्रोग्राम के समाप्त होने पर या उसके बाद भी प्राप्त हो सकते हैं। प्रोग्राम जीवन चक्र पर इस मानक के अनुभाग 7 में बड़े विस्तार से चर्चा की गई है।
वृद्धिशील लाभों को प्रदान करने वाले एक प्रोग्राम का उदाहरण एक संगठन व्यापी प्रक्रिया सुधार प्रोग्राम है। ऐसे प्रोग्राम विशिष्ट प्रक्रियाओं (उदाहरण, वित्तीय नियंत्रण प्रक्रियाएं, इन्वेंटरी प्रबंधन प्रक्रियाएं, भर्ती प्रक्रियाएं, कार्यप्रदर्शन समीक्षा प्रक्रियाएं) के मानकीकरण एवं समेकन के लिए और सहायक प्रोग्राम यह सुनिश्चित करने के लिए समेकन के लाभ पूर्ण रूप से प्राप्त हो गये हैं घटक परियोजनाओं के अनुसरण करने की परिकल्पना भी कर सकता है (उदाहरण, सुधारित प्रक्रियाओं के अनुकूलन को सुनिश्चित करने के लिए या नई प्रक्रियाओं के साथ कर्मचारी की संतुष्टि एवं कार्यप्रदर्शन का मापन करने के लिए)। इनमें से प्रत्येक घटक पूर्ण हो जाते हैं, वृद्धिशील लाभ प्रदान कर सकते हैं। घटकों के नतीजों के परिणामस्वरूप अधिक सुधारित प्रक्रियाओं, संतुष्टि एवं कार्यप्रदर्शन के लिए नई परियोजनाएं आरंभ हो सकती हैं। हालांकि प्रोग्राम तब तक पूर्ण नही होगा जब तक कि व्यापारिक सुधार के लिए जरूरी परियोजनाएं एवं सहायक प्रोग्राम उनके उद्दिष्ट प्रोग्राम लाभ प्रदान नहीं कर देते हैं।
वैकल्पिक रूप से प्रोग्राम सभी उद्दिष्ट लाभों को एक बार में प्रदान कर सकता है- संपूर्ण एकीकृत रूप में। इस परिस्थिति में प्रोग्राम के लाभ प्रोग्राम के पूर्ण होने तक प्राप्त नहीं होते हैं। एक औषधि विकास प्रोग्राम को एकीकृत लाभ प्राप्ति वाले प्रोग्राम के रूप में देखा जा सकता है, जहां प्रोग्राम के प्रत्येक घटक से, तब तक लाभ प्रदान करने की अपेक्षा नहीं की जा सकती है जब तक संपूर्ण औषधि विकास प्रोग्राम सफलतापूर्वक पूर्ण न हो जाये, उत्पाद बिक्री के लिए मंजूर किया जाये, मरीज उससे ठीक हो जायें और संगठन उसकी बिक्री से लाभ की प्राप्ति करे।
1.2.1 प्रोग्रामों का आरंभ
प्रोग्राम सामान्यत: दो प्रकार से आरंभ या मान्य किये जाते हैं:
♦नये लक्ष्यों, उद्देश्यों या रणनीतियों के लिए आरंभ किये गये प्रोग्राम उनकी घटक परियोजनाओं एवं प्रोग्रामों पर कार्य शुरू होने के पहले आरंभ हो जाते हैं। यह प्रोग्राम आम तौर पर नई रणनीतियों और उद्देश्यों की सहायता करने के लिए आरंभ किये जाते हैं; वह एक संगठन को उसकी दूरदर्शिता एवं मिशन अनुकरण करने में सक्षम बनता है। ऐसे प्रोग्रामों के उदाहरणों में वह प्रोग्राम शामिल हैं जो मानवीय व्यवहार को प्रभावित करने के लिए संगठन की रणनीतिक नियोजन प्रक्रिया के एक भाग के रूप में आरंभ हुए हैं (जैसे कि अच्छे व्यवहार या आतंकवादी खतरों के प्रति या नये नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के प्रति जागरूकता निर्माण करने के लिए) या एक आपदा में किस तरह अपना या दूसरों का बचाव करें (उदाहरण, आपदा राहत उपलब्ध कराने या सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों का प्रबंधन करने के लिए)। इन प्रोग्रामों में सामान्यतः प्रोग्राम प्रबंधन गतिविधियों द्वारा शुरुआत में ही सहायता प्रदान की जाती है।
♦प्रोग्राम ऐसे समय भी गठित किये जा सकते हैं जब एक संगठन मानता है कि उसकी चल रही परियोजनाएं, प्रोग्राम और अन्य कार्य सामान्य नतीजों, क्षमताओं, उद्देश्यों या लाभों से संबंधित हैं (उदाहरण, एक प्रक्रिया सुधार प्रोग्राम पिछले स्वतंत्र सॉफ्टवेयर विकास पहल द्वारा समर्थित है) या एक अड़ोस-पड़ोस का पुनर्वसन प्रोग्राम, सार्वजनिक पार्क बनाने, यातायात नियंत्रण परियोजनाओं और एक सामुदायिक पहुंच प्रोग्राम द्वारा समर्थित है। यह प्रोग्राम प्रायः तब गठित होते हैं जब एक संगठन निर्धारित करता है कि संगठनात्मक लाभों को एक एकल प्रोग्राम के रूप में चल रही पहलों का प्रबंधन करते हुए अधिक प्रभावी ढंग से प्राप्त किया जा सकेगा। ऐसे प्रोग्राम उनके कुछ या सभी परियोजनाओं के आरंभ हो जाने के पश्चात प्रोग्राम प्रबंधन गतिविधियों द्वारा समर्थित होते हैं।
नये प्रारंभ या पहचाने गये प्रोग्रामों में सभी को इस मानक के अनुवर्ती अनुभागों में वर्णित सिद्धांतों और जीवन चक्र प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुसार प्रबंधित किया जाना चाहिए। एक प्रोग्राम प्रबंधक के लिए यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है, उदाहरण के लिए प्रोग्राम परिभाषा के लिए पूर्ण की गई वह गतिविधियां महत्वपूर्ण है जिसकी परियोजनाएं और अन्य प्रोग्राम पहले से आरंभ हुए हो सकते हैं।
1.2.2 पोर्टफोलियो, प्रोग्रामों और परियोजनाओं के बीच संबंध
पोर्टफोलियो, प्रोग्रामों और परियोजनाओं के बीच संबंध निम्नलिखित अनुसार हैं :
♦एक पोर्टफोलियो रणनीतिक उद्देश्यों को हासिल करने के लिए एक समूह के रूप में प्रबंधित परियोजनाओं, प्रोग्रामों, सहायक पोर्टफोलियो का एक संग्रह है।
♦प्रोग्राम में संबंधित परियोजनाओं, सहायक प्रोग्रामों और प्रोग्राम गतिविधियां जिनका उन लाभों को प्राप्त करने के लिए समन्वित तरीके से प्रबंधन किया जाता है जो इनके अलग से प्रबंधन करने से प्राप्त नहीं होते। प्रोग्राम पोर्टफोलियो के सामान्य तत्व हैं, जो संगठन के रणनीतिक उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण लाभों को प्राप्त करने के लिए संचालित किये जाते हैं।
♦परियोजनाएं चाहे स्वतंत्र रूप से या एक प्रोग्राम के भाग के रूप में प्रबंधित हों, विशिष्ट उत्पाद, सेवा या परिणाम को तैयार करने के लिए किया गया एक अस्थाई प्रयास हैं।
प्रोग्राम और परियोजनाएं एक संगठन के पोर्टफोलियो के विशिष्ट तत्व हैं जो एक संगठन के रणनीतिक उद्देश्यों की सहायता करने के लिए आवश्यक आउटपुट एवं नतीजों को पैदा करने के लिए संचालित किये जाते हैं।
आकृति 1-2 यह उदाहरण प्रदान करती है कि एक संगठन की रणनीति का अनुसरण करने के लिए प्रोग्रामों और परियोजनाओं का एक पोर्टफोलियो किस प्रकार संगठित हो सकता है।
1.3 प्रोग्राम प्रबंधन क्या है?
प्रोग्राम उद्देश्यों को हासिल करने के लिए ज्ञान, कौशल एवं सिद्धांतों का एक प्रोग्राम पर प्रयोग करना और लाभ एवं नियंत्रण को प्राप्त करना जो कि घटकों को अलग-अलग प्रबंधित करने से हासिल नहीं होने को प्रोग्राम प्रबंधन के रूप में परिभाषित किया गया है। प्रोग्राम प्रबंधन प्रोग्राम घटकों के संरेखण में शामिल रहता है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रोग्राम लक्ष्यों को हासिल और प्रोग्राम लाभों को श्रेष्ठ रूप से प्राप्त किया गया है। प्रोग्राम प्रबंधन एक प्रोग्राम प्रबंधक द्वारा किया जाता है जो प्रोग्राम लक्ष्यों एवं उद्देश्यों को हासिल करने के लिए जिम्मेदार दल(लों) का नेतृत्व करने के लिए संगठन द्वारा अधिकृत होता है।
प्रोग्राम प्रबंधक एक प्रोग्राम की परियोजनाओं, सहायक परियोजनाओं और अन्य प्रोग्राम गतिविधियों के पांच परस्पर जुड़ी हुई एवं परस्पर निर्भर प्रोग्राम प्रबंधन कार्यप्रदर्शन प्रक्षेत्र : प्रोग्राम रणनीति संरेखण, प्रोग्राम लाभ प्रबंधन, प्रोग्राम हितधारक सहभागिता, प्रोग्राम अभिशासन और प्रोग्राम जीवन चक्र प्रबंधन में की गई कार्यवाहियों द्वारा प्रभावी संरेखण, एकीकरण और नियंत्रण सुनिश्चित करता है। प्रोग्राम प्रबंधन कार्यप्रदर्शन प्रक्षेत्र उन गतिविधि या क्रियाकलाप के संबंधित क्षेत्र के पूरक समूह हैं जो प्रोग्राम प्रबंधन कार्य के पूर्ण कार्यक्षेत्र के अंतर्गत एक कार्यप्रदर्शन प्रक्षेत्र से दूसरे में पाई गईं गतिविधियों को विशिष्ट रूप से वर्गीकृत और पृथक करते हैं। इन कार्यप्रदर्शन प्रक्षेत्रों पर इस मानक के अनुवर्ती अनुभागों में विस्तृत रूप से चर्चा की गई है। इन प्रोग्राम प्रबंधन कार्यप्रदर्शन प्रक्षेत्रों द्वारा प्रोग्राम प्रबंधक घटक परस्पर निर्भरताओं का निरीक्षण और विश्लेषण करता है ताकि प्रोग्राम घटकों को प्रबंधित करने के लिए श्रेष्ठ तरीके का निर्धारण किया जा सके। इन परस्पर निर्भरताओं से संबंधित कार्यवाहियों में निम्नलिखित शामिल हो सकती हैं:
♦परिभाषित करें कि कैसे किसी प्रोग्राम के घटकों के आउटपुट और नतीजों का उद्दिष्ट लाभ प्रोग्राम प्रतिपादन में किस प्रकार योगदान और संगठन की रणनीति का समर्थन प्रदान करना अपेक्षित है।
♦प्रोग्राम घटकों की लाभ प्राप्ति की निगरानी करें ताकि यह सुनिश्चित हो कि वह संगठन के लक्ष्यों के साथ रणनीतिक रूप से संरेखित रहें।
♦सुनिश्चित करें कि प्रोग्राम के घटकों के आउटपुट एवं नतीजे प्रभावी रूप से संचारित एवं विचार किये गये हों ताकि एक प्रोग्राम उसके उद्दिष्ट लाभों की खोज को प्रभावी रूप से श्रेष्ठ बना सके और महत्व प्रदान कर सके।
♦सभी प्रोग्राम घटकों, कार्य या चरणों में प्रोग्राम गतिविधियों का नेतृत्व एवं सहयोग करें (उदाहरण के लिए वित्तपोषण और आपूर्ति)।
♦प्रोग्राम में अनुसरण की जा रहीं सभी गतिविधियों पर एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए हितधारकों के साथ संचार करें और उन्हें प्रतिवेदन सौंपे।
♦सक्रिय रूप से प्रोग्राम के अनेकों घटकों में फैले हुए जोखिमों का मूल्यांकन और प्रत्युत्तर करें।
♦संगठनात्मक रणनीति और प्रोग्राम के व्यापारिक आधार के साथ प्रोग्राम के प्रयासों को संरेखित करें।
♦एक साझा अभिशासन संरचना के अंतर्गत कार्यक्षेत्र, लागत, शेड्यूल, संसाधन, गुणवत्ता और जोखिम मुद्दों का समाधान करें।
♦प्रोग्राम में सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक, राजनैतिक और परिवेशीय अंतर को प्रभावी रूप से संबोधित करने के लिए प्रोग्राम प्रबंधन गतिविधियों, प्रक्रियाओं और इंटरफेस का अनुकूलन करें।
प्रोग्राम प्रबंधक प्रोग्राम प्रबंधन सिद्धांतों का प्रयोग यह सुनिश्चित करने के लिए करते हैं कि प्रोग्राम और उनके घटक ठीक तरह से नियोजित, नियंत्रित एवं संपूर्ण हुए हैं और प्रोग्राम के लाभ ठीक तरह से प्राप्त और अनुरक्षित किये गये हैं।
1.4 पोर्टफोलियो, प्रोग्राम एवं परियोजना प्रबंधन में संबंध और संगठनात्मक परियोजना प्रबंधन में उनकी भूमिका
पोर्टफोलियो, प्रोग्राम एवं परियोजना प्रबंधन में संबंध को समझने के लिए इन माध्यमों के बीच समानताओं एवं अंतरों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। यह समझना भी सहायक होगा कि संगठनात्मक परियोजना प्रबंधन (OPM) से वह कैसे संबंधित हैं।
पोर्टफोलियो, प्रोग्राम और परियोजना प्रबंधन सभी संगठनात्मक रणनीतियों को संरेखित एवं प्रभावी रूप से अनुपालन करने के लिए संगठन को एक संरचनागत तरीका उपलब्ध कराते