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Or at least
कृष्ण : दे वकी की आठवीीं सन्तान जिसने अपने दु ष्ट मामा कींस का वध जकया था। भगवान कृष्ण
ने अिुु न को कुरुक्षे त्र युध के प्रारम्भ में गीता उपदे श जदया था। श्री कृष्ण, भगवान जवष्णु के
आठवें अवतार थे ।
भीष्म : भीष्म का नामकरण दे वव्रत के नाम से हुआ था। वे शान्तनु एवीं गींगा के पुत्र थे । िब
दे वव्रत ने अपने जपता की प्रसन्नता के जिये आिीवन ब्रह्मचारी रहने का प्रण जिया, तब से
उनका नाम भीष्म हो गया।
पाण्डव : पाण्डु की कुन्ती और माद्री से सन्ताने। यह पाीं च भाई थे : युजधजिर, भीम, अिुु न, नकुि
और सहदे व।
युधिधिर : ज्ये ि पाीं डव। सत्यवादी तथा धमाु चरण में जनिा के कारण धमु राि नाम पडा।
भीम : पाीं डवोीं में आयुक्रम में जितीय। असाधारण शारीररक शक्ति के स्वामी। जहजडम्ब, बकासुर.
आजद बिशािी राक्षसोीं का वध जकया। िरासींध नामक मगध के बिशािी सम्राट को मल्ल-युद्ध
में पराजित कर उसका वध जकया। महाभारत के युद्ध में गदा युद्ध में दु योधन का वध कर
युद्ध का समापन जकया।
अर्ुुन : दे वराि इन्द्र िारा कुन्ती एवीं पान्डु का पुत्र। एक अतुिनीय धनु धुर जिसको श्री कृष्ण ने
श्रीमद् भगवद् गीता का उपदे श जदया था।
द्रौपदी : द्रुपद की पुत्री िो अजि से प्रकट हुई थी। द्रौपदी पाीं चोीं पाीं ड्वोीं की अधाां जगनी थी और
उसे आि प्राचीनतम् नारीवाजदयोीं में एक माना िाता है ।
कर्ु : सूयुदेव एवमीं कुन्ती के पुत्र और पाण्डवोीं के सबसे बडे भाई। कणु को दानवीर-कणु के
नाम से भी िाना िाता है । कणु कवच एवीं कुींडि पहने हुए पैदा हुये थे और उनका दान इीं द्र
को जकया था। कणु महान धनु धुर तथा दु योधन का परम जमत्र था। उसकी गणना कौरव सेना
के सात महारजथयोीं में होती है । उसे दु योधन से अींग नाम का एक राज्य भी प्राप्त हुआ था।
महाभारत युद्ध में कणु की मृ त्यु अिुु न के हाथोीं हुई।
दु योिन : कौरवोीं में ज्ये ि। धृतराष्टर एवीं गाीं धारी के १०० पुत्रोीं में सबसे बडे । दु योधन की
महात्वाकाीं क्षा ही महाभारत युद्ध का कारण था।