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Lyrics of Sri Ramakrishna Aratrikam
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े
तजरि तरसा िय तृतृा
If devotion is directed to Thee, O Ramakrishna,
राग े कत
ृ े ऋतपथ े िय रामक
ृ े| the way of Divine Truth, then with desires all
fulfilled in Thee, they forthwith cross over this
त ं तव पदं मरणोिमना
मामृ शं sea of Rajas: for Thy feet are like nectar to the
mortals, quelling the waves of death. Therefore,
तामवे शरणं मन दीनबधो
ं ||3|| O Thou friend of the lowly, Thou art my only
क ु
ृ ं करोित कष ं कहकाकािर
refuge.
ु
ा ं िशवं सिवमलं तव नाम नाथ | O Thou dispeller of illusion, Thy name ending in
"shna", pure and auspicious, converts sinfulness
े
यादहं शरणो जगदकग to purity. Because, O Thou the only goal of all
तामवे शरणं मन दीनबधो
ं ||4|| beings, shelter have I none, therefore Thou art,
O friend of the lowly, my only refuge.
सवधमिपण
ॐ ापकाय च धम े I bow down to Ramakrishna, who established
the religion, embodying in himself the reality of
अवतारविराय रामकाय
ृ त े नम: || all religions and being thus the foremost of divine
Incarnations.
ॐ नम: ौी भगवत े रामकाय
ृ नमो नम: |
ॐ नम: ौी भगवत े रामकाय
ृ नमो नम: |
ॐ नम: ौी भगवत े रामकाय
ृ नमो नम: ||
े
|| दवीूणाम: ||
ं ं
सवमगलमाग
े िशव े सवाथसािधके
ं े गौिर नारायिण नमोs ु त े ||
शरय े बक
ू े सनातिन |
सृििितिवनाशानां शिभत
ु
गणाौय ु
े गणमय े नारायिण नमोs ु त े ||
शरणागतदीनातपिरऽाणपरायण े
े नारायिण नमोs ु त े ||
े दवी
सवाितहर
जय नारायिण नमोs ु त े |
जय नारायिण नमोs ु त े |
जय नारायिण नमोs ु त े |
जय नारायिण नमोs ु त े |
जय महामाई की जय |
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Lyrics of Sri Ramakrishna Aratrikam
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ृ े की जय |
जय भगवान ौीरामकदव
जय ामीजी महाराजजी की जय |
े
||ौीसारदादवीोऽम ् |
|
ृ ं परमामभया ं वरदा ं
ूकित
नरपधरां जनतापहराम ्
े
शरणागतसवकतोषकर
् |1||
ूणमािम परां जनन जगताम |
ु ु ु
गणहीनसतानपराधयतान
ृ
कपया ु मोहगतान ्
समर
तरण भवसागरपारकर
् |2||
ूणमािम परां जनन जगताम |
ु ु ं पिर॑ सदा
िवषय ं कसम
ं ु
चरणाबहामृ ं ु
तशाितसधाम ्
ं मनो भवरोगहरा ं
िपब भृग
् |3||
ूणमािम परां जनन जगताम |
ु महादवी
ृ ं क
कपा ु े ु ूणतश
े सतष े ुच
चरणाौयदानने कपामिय
ृ नमोs ु त|
े |4||
लापटावृत े िन ं सारद े ानदाियके
े न: सदा र कपामिय
पापो ृ नमोs ु त े ||5||
ृ
रामकगतूाणा ं तामौवणिूयाम ्
ं
तदभावरिजताकारा ु : ||6||
ूणमािम मम
पिवऽ ं चिरत ं या: पिवऽ ं जीवन ं तथा
ु नमो नम: ||7||
पिवऽतािपय ै त ै कम
ं
े ूसां ूणऽाताितहऽी
दव
ु
ू ं यगधमपाऽीम
योगिपा ्
ता ं सारदा ं भििवानदाऽ
् |8||
दयापां ूणमािम िनम |
े े बासी मनोsदीय ं
हन
् ु
े सगणीकरोिष
दोषानशषान
े ु नो दयस े सदोषान ्
अहतना
ं े गहीा
ाक ृ ् |9||
यिददं िविचऽम |
े याच े
ूसीद मातिवनयन
े
िन ं भव हवती ु े ु
सतष
े किबं ं िचरदधिच े
ूमै
ु न सशातम
ं िच ं क
िविषच ु ं |् |10||
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े रामक
जनन सारदां दव ु |
ृ ं जगदगम ्
ु ु : ||11||
पादप े तयो: िौा ूणमािम मम
||नामावली ||
ृ शरण,ं रामक
रामक ृ शरण,ं रामक
ृ शरण ं
शरणम ्
ूभ ु कपा े ं , कपा
ृ िह कवल े ं , कपा
ृ िह कवल े ं
ृ िह कवल
् |ीृ.||
शरणम |
ु ,े नमो ौीगरव
नमो ौीगरव ु ,े नमो ौीगरव
ु े नमो नम:
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